हरित मेथनॉल का उत्पादन करने के लिए यह परियोजना Ohmium PEM इलैक्ट्रोलाईजरों से उत्पादित हरित हाइड्रोजन को Singareni Thermal Power Plant से कैप्चर की गई CO2 से साथ मिलाएगी। CO2 उत्सर्जन से हरित मेथनॉल संश्लेषित करने के प्रोसेस को भारत के Breathe Applied Sciences तथा Jawaharlal Nehru Centre for Advanced Scientific Research के शोधकर्ताओं द्वारा विकसित किया गया था। पूरी परियोजना के एक महत्वपूर्ण कम्पोनेन्ट PEM इलैक्ट्रोलाईजर घोल को खरीदने के लिए Spirare Energy ने Ohmium के साथ भागीदारी की थी।
“कोयला आधारित ताप विद्युत से उत्पन्न CO2 को हरित मेथनॉल में परिवर्तित करने से कार्बन-विघटन और संवहनीयता में उल्लेखनीय वृद्धि की जा सकती है,” JNCASR Professor Sebastian Peter, Breathe Applied Sciences के सह-संस्थापक और JNCASR के CO2-to-Green Methanol प्लांट के परियोजना अग्रणी, ने कहा। “हम अपने शोध को इस अग्रणी परियोजना में लागू होते देखकर उत्साहित हैं तथा इसके व्यापक पैमाने पर क्रियान्वयन को देखने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।”
"विकास की अत्यधिक संभावना वाली इस महत्वपूर्ण परियोजना पर Spirare को JNCASR तथा Ohmium के साथ सहयोग करने पर हर्ष हो रहा है,” Spirare Energy के CEO, Suhas Bhasin, ने कहा। “Ohmium एक विश्वसनीय भागीदार है। हमनें उनके साथ पहले भी काम किया है और उनके उत्पाद की कार्यकुशलता और किफ़ायती लागत की सराहना की है। उनका हाइपर मॉड्यूलर डिज़ाइन इंस्टॉलेशन से स्केलिंग को सुव्यवस्थित करने में सहायता मिलती है।”
Arne Ballantine, Ohmium International के CEO, ने कहा “Ohmium, भारत में सतत विकास परियोजनाओं के अग्रणी Spirare Energy के साथ एक बार फिर सहयोग करने से अत्यंत प्रसन्न है। यह हमारी दूसरी तथा हरित मेथनॉल में भारत की ऊर्जा आत्मनिर्भरता को महत्वपूर्ण रूप से विकसित तथा कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को कम करने की क्षमता होने के कारण अत्यंत महत्वपूर्ण संयुक्त परियोजना है। हमारी पिछली सफलता पर आगे बढ़ते हुए, यह अनुवर्ती परियोजना भारत के ऊर्जा भविष्य के प्रति हमारी संयुक्त प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है।”
मेथनॉल को आम तौर पर विभिन्न औद्योगिक प्रक्रियाओं में ईंधन या कच्चे माल के रूप में उपयोग किया जाता है। मेथनॉल उत्पादन में कार्बन की मात्रा को कम करने या खत्म करने से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी आती है और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम होती है। CO2 को हरित मेथनॉल में बदलने की टेक्नोलॉजियां कोयला आधारित ताप विद्युत क्षेत्र सहित विभिन्न क्षेत्रों को कार्बन मुक्त करने में भी सहायता कर सकती हैं।
Ohmium ने स्वयं को, भारत में NTPC तथा TATA Projects जैसे उद्योग जगत के प्रमुख ऑपरेटर के साथ सहयोग सहित, एक मज़बूत इलैक्ट्रोलाईजर अग्रणी के रूप में स्थापित किया है। जुलाई 2024 में, Ohmium ने बैंगलूरू में अपनी Gigafactory शुरू करने का समारोह मनाया था, और अगस्त में Ohmium को कंपनी की भारत के हरित हाईड्रोजन इकोसिस्टम को विकसित करने की प्रतिबद्दता को रेखांकित करते हुए MNRE के SIGHT Incentive Program की Tranche II के लिए चुना गया था।
OHMIUM का परिचय
Ohmium द्वारा मॉडुलर, स्केलेबल Proton Exchange Membrane (PEM) इलैक्ट्रोलाईजरों का डिज़ाइन, उत्पादन और परिनियोजन किया जाता है जो किफ़ायती हरित हाईड्रोजन उत्पादन को संभव बनाते हैं। कंपनी के इलेक्ट्रोकेमिकल उत्पादों का सैट ग्राहकों को विभिन्न औद्योगिक, परिवहन और ऊर्जा परियोजनाओं में अपने स्थायी ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायता करता है। संयुक्त राज्य अमेरिका में मुख्यालय और भारत में उत्पादन प्लांटों तथा पूरे विश्व में गतिविधिओं के साथ Ohmium की तीन महाद्वीपों में 2 GW से अधिक की एक वैश्विक हरित हाईड्रोजन परियोजना पाइपलाइन है। 2023 में, Ohmium ने TPG Rise Climate के नेतृत्व में सिरीज़ 3 वित्तपोषण के लिए $250 मिलियन एकत्रित किये थे।
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स्रोत: Ohmium International
