इक्विटी इंटरनेशनल (ईआई) की एक सहयोगी, सैम जेल्स इनवेस्टमेंट फर्म जो वैश्विक स्तर पर बिल्डिंग बनाने पर केंद्रित है, ने स्टांजा लिविंग में निवेश की घोषणा की है। यह भारत का सबसे बड़ा स्टूडेंट हाउसिंग और शेयर्ड लिविंग ऑपरेटर है। यह निवेश स्टांजा लिविंग के सीरिज सी इक्विटी फाइनेंसिंग राउंड का भाग है। इसमें कंपनियों के मौजूदा संस्थागत निवेशकों – फैलकन एज़ कैपिटल, सिकोइया इंडिया, मैट्रिक्स और एस्सेल पार्टनर्स की भागीदारी रही। यह सौदा पोर्टफोलियो के विस्तार के लिए पूंजी मुहैया कराता है, भौगोलिक पहुंच का विस्तार करता है और ब्रांड पोजिशनिंग को मजबूत करता है। यह 2011 से भारत में ईआई का दूसरा निवेश है और मजबूत स्थानीय उद्यमियों से साझेदारी करने की फर्म की रणनीति के अनुकूल है। इस प्रेस विज्ञप्ति में मल्टीमीडिया है। पूरी विज्ञप्ति यहां देखें : https://www.businesswire.com/news/home/20200302006016/en/ ईआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी टॉम हेनेघन ने कहा, “स्टांजा लिविंग उच्च गुणवत्ता वाले मानकीकृत आवास के बाजार की अधूरी जरूरतें पूरी करता है। यह एक ऐसा बाजार है जिसमें करीब दो करोड़ प्रवासी युवा रहते हैं। हम इस क्षेत्र में स्टांजा लिविंग को अग्रणी मानते हैं क्योंकि कंपनी की मैनेजमेंट टीम प्रतिभाशाली है, काम करने की क्षमता जानी-पहचानी है और उच्च गुणवत्ता वाला पोर्टफोलियो है। स्केल (पैमाना) और लाभदेयता के बीच सही संतुलन बनाने पर उनके फोकस का हम समर्थन करते हैं।” भारत में शेयर्ड लिविंग के लिए बाजार में जो मौके हैं वो दिलचस्प हैं : भारत में छात्रों की आबादी दुनिया भर में सबसे ज्यादा और सबसे तेजी से बढ़ने वाली है। करीब 12.1 मिलियन प्रवासी छात्रों का नामांकन उच्च शिक्षा के लिए है। कैम्पस में छात्रों के रहने की सुविधा सीमित है और करीब 8.1 मिलियन छात्रों को कैम्पस के बाहर के विकल्पों पर निर्भर करना होता है। ये मुख्य रूप से असंगठित और बिखरे हुए हैं। युवा कामकाजी पेशेवरों को भी ऐसी ही चुनौतीपूर्ण स्थिति का सामना करना पड़ता है। ऐसे युवाओं की संख्या करीब 15.5 मिलियन है जो बाबूगिरी के काम करने और बेहतर कैरियर के लिए भारत के प्रमुख शहरी केंद्रों में पलायन करते हैं। हालांकि, उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों और सुविधाओं की कमी के कारण बाधामुक्त सेवा पेशकश नहीं है और इसका कारण अपने समुदाय की एक अनूठी समझ भी है। रहने के उच्च गुणवत्ता वाले विकल्पों की कमी के कारण आबादी के एक बड़े हिस्से के लिए पलायन का भारी संकट है जो शांतिपूर्वक बना हुआ है। 2017 में अपनी स्थापना के बाद से स्टांजा लिविंग ने करीब 50,000 बिस्तर की एक इनवेंट्री तैयार की है जो देश के 10 प्रमुख शहरों में है। कंपनी ने अपने आद्योपांत मैनेज्ड, उच्च गुणवत्ता वाले शेयर्ड लिविंग उत्पाद के लिए उपभोक्ताओं की अच्छी-खासी दिलचस्पी आकर्षित की है। कंपनी का बिजनेस मॉडल डाटा और टेक्नालॉजी का उपयोग करता है ताकि लागत और परिचालन कार्यकुशलता को पूरी मूल्य श्रृंखला में आगे बढ़ा सके और एक व्यैक्तिक उपभोक्ता अनुभव मुहैया कराए। स्टांजा लिविंग के प्रबंध निदेशक और सह संस्थापक अनिन्द्य दत्त ने कहा, “हमें खुशी है कि इक्विटी इंटरनेशनल हमारी कंपनी और विकास प्रयासों की सहायता कर रही है और हम जब अपने कारोबार का निर्माण जारी रखे हुए हैं तब टीम के रणीतिक दिशानिर्देशों का इंतजार कर रहे हैं।” उन्होंने आगे कहा, “भारत में रहने की साझे वाली जगह परिसंपत्ति का एक नया उभरता वर्ग है और संभावना है कि अगले एक दशक में चार गुना तक बढ़ जाए। उद्योग के अग्रणी ब्रांड के रूप में हम अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए दृढ़ निश्चय हैं।” स्टांजा लिविंग के प्रबंध निदेशक और सह-संस्थापक संदीप डालमिया ने कहा, “इक्विटी इंटरनेशनल के सक्रिय स्वामित्व रुख ने वैश्विक कारोबारों को इस योग्य बनाया है कि उद्योग में अग्रणी हो सकें। उनकी सहायता से हमें उच्च मूल्य वाले उपभोक्ता उत्पाद का निर्माण करने का अनूठा मौका मिला है जो सूक्ष्म उपभोक्ता अनुभवों, परिचालन कुशलताओं और मजबूत इकाई अर्थशास्त्र पर आधारित है।” स्टांजा लिविंग के बारे में स्टांजा लिविंग (www.stanzaliving.com) भारत की सबसे बड़ी साझे में रहने की व्यवस्था करने वाली कंपनी है जिसके पास देश भर के 10+ शहरों में 150+ आवास और 50,000 से ऊपर बिस्तर हैं। यह टेक्नालॉजी एनैबल्ड सामुदायिक तौर पर रहने की अवधारणा है। स्टांजा लिविंग रहने के विश्व स्तर के अनुभव की पेशकश करता है जिसका निर्माण सुविधाओं और सेवाओं की विस्तृत श्रृंखला के साथ किया गया है ताकि सुविधाजनक ढंग से रहा जा सके। इसका परिचालन एक पेशेवर टीम करती है कंपनी को कई वैश्विक निवेशकों का समर्थन है जैसे इक्विटी इंटरनेशनल, फैलकॉन एज कैपिटल, सिकोइया इंडिया, मैट्रिक्स, एस्सेल पार्टनर्स और अलटेरिया कैपिटल। स्टांजा लिविंग की सह स्थापना आईआईटी – आईआईएम के पूर्व छात्र अनिन्द्य दत्ता और संदीप डालमिया ने की है जिन्हें भिन्न भौगोलिक क्षेत्रों जैसे अमेरिका, इंग्लैंड, दक्षिण पूर्व एशिया और भारत में प्रतिष्ठित फर्मों जैसे बॉस्टन कंसलटिंग ग्रुप, गोल्डमैन सैच्स और ओकट्री कैपिटल की रेंज के साथ काम करने का पेशेवर अनुभव था। इक्विटी इंटरनेशनल के बारे में शिकागो आधार वाले इक्विटी इंटरनेशनल मैनेजमेंट, एलएलसी (“ईआई”) की स्थापना सैम जेल ने 1999 में की थी। यह एक प्राइवेट इक्विटी फर्म है जो मुख्य रूप से अमेरिका के बाहर उच्च गुणवत्ता वाले कारोबार तैयार करने पर केंद्रित है। यह फर्म भूसंपदा परिचालन कंपनियों में इकाई आधार के निवेश करती है ताकि इसकी पोर्टफोलियो कंपनियां बढ़कर उद्योग में अग्रणी संस्थागत कंपनी बन सकें। ईआई का निवेश और मूल्य इसकी पूंजी से ज्यादा है इसमें पोर्टफोलियो कंपनियों को संस्थागत साख, बेजोड़ कॉरपोरेट शासन, सर्वश्रेष्ठ व्यवहार, अनूठा परिचालन परिप्रेक्ष्य और एक शक्तिशाली वैश्विक नेटवर्क तक पहुंच मुहैया कराना शामिल है। ईआई एक सक्रिय स्वामित्व का रुख अपनाती है, पोर्टफोलियो कंपनी के नेतृत्व से साझेदारी करती है ताकि रणनीतिक विकास और उद्योग में नेतृत्व हासिल कर सके। परिणामस्वरूप ईआई को दुनिया भर में एक पसंदीदा पार्टनर के रूप में जाना जाता है। वेब : http://www.equityinternational.com संपर्क टेरी होल्ट +1 (312) 466- 3979 [email protected] स्रोत रूपांतर बिजनेस वायर डॉट कॉम पर देखें : https://www.businesswire.com/news/home/20200302006016/en/ |
संपर्क : टेरी होल्ट +1 (312) 466- 3979 [email protected] घोषणा (अस्वीकरण): इस घोषणा की मूलस्रोत भाषा का यह आधिकारिक, अधिकृत रूपांतर है। अनुवाद सिर्फ सुविधा के लिए मुहैया कराए जाते हैं और उनका स्रोत भाषा के आलेख से संदर्भ लिया जा सकता है और यह आलेख का एकमात्र रूप है जिसका कानूनी प्रभाव हो सकता है। |
