इस वर्ष की शुरुआत में वुहान में कोविड-19 की उत्पत्ति की जांच करने वाले एक अंतरराष्ट्रीय शिष्ट मंडल के सर्वोच्च अधिकारी के साथ हालिया साक्षात्कार से खुलासा हुआ है कि इस दल पर चीनी अधिकारियों का इस बात के लिए अत्यधिक दबाव था कि वे स्थानीय प्रयोगशाला से वायरस निकलने की संभावना को कमतर करके दिखायें। इन घटनाक्रम के आलोक में विश्व भर में एचाईवी/एड्स की देखभाल का सबसे बड़ा प्रदाता संगठन, एड्स हेल्थकेयर फाउंडेशन (एएचएफ) ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आह्वान किया है कि वे चीन से पारदर्शिता की लगातार माँग करें, जिसमें मौलिक चिकित्सीय आँकड़े और बोलने के लिए प्रतिशोध नहीं लेने की गारंटी के साथ सचेतकों (व्हिसलब्लोअर) तथा शुरुआती कोविड-19 रोगियों के साथ निष्पक्ष साक्षात्कार सम्मिलित हों। द वाल स्ट्रीट जर्नल और द वाशिंग्टन पोस्ट के अनुसार शिष्ट मंडल का नेतृत्व कर रहे विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के विशेषज्ञ, डॉ. पीटर बेन एम्बरेक ने डेनमार्क के डाक्यूमेंट्री फिल्म निर्माताओं से कहा था कि आरम्भ में समकक्ष चीनी अधिकारियों ने जाँच प्रतिवेदन में प्रयोगशाला से प्रकट होने की अवधारणा का कोई उल्लेख सम्मिलित करने से इनकार कर दिया था। अंततः वे ढीले पड़े, लेकिन केवल इस शर्त पर कि इस अवधारणा को अति असम्भाव्य के रूप में वर्णित किया जाए। ताजा खुलासा, चीन की खुली आलोचना करने या यह स्वीकार करने या विश्वसनीय परिणाम प्राप्त करने के लिए जाँच पर्याप्त रूप से निष्पक्ष नहीं होने के प्रति विश्व स्वास्थ्य संगठन की जो अनिच्छा थी, उससे नाटकीय विचलन दर्शाता है। मियामी विश्वविद्यालय में एएचएफ ग्लोबल पब्लिक हेल्थ इंस्टिट्यूट के कार्यकारी निदेशक, डॉ. जोर्गे सावेद्रा ने कहा कि एम्बरेक ने पहले कहा था कि जाँच प्रतिवेदन के बारे में चर्चा के दौरान हमेशा राजनीति होती रही थी। असल में, कुछ लोगों के अनुसार, टीम में शामिल अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों की संख्या चीन के 60 वैज्ञानिकों और लोक स्वास्थ्य अधिकारियों की अपेक्षा काफी कम थी। निश्चित रूप से ऐसा प्रतीत होता है कि प्रयोगशाला की दुर्घटना की संभावना को कमतर बताते हुए अपने उद्देश्य के लिए रिपोर्ट गढ़ने में चीन का हित था। वे उद्देश्य क्या थे यह अज्ञात है, लेकिन कोविड-19 की उत्पत्ति पर पारदर्शिता की माँग का चीन जितना ज्यादा प्रतिरोध कर रहा है, हर जगह लोग उतना ही ज्यादा सोचेंगे कि गलती कहाँ हुई, शायद वह दुर्घटना थी, या किसी प्रकार की मानवीय भूल रही हो। कोविड-19 के उभार के पीछे जो भी कारण रहा हो, दुनिया को सच्चाई पता चलनी ही चाहिए ताकि हम इस तरह की एक और सार्वजनिक स्वास्थ्य आपदा को रोक सकें। देशों को चीन पर ज्यादा पारदर्शी होने और कोविड-19 की उत्पत्ति की जाँच में सहयोग करने के लिए लगातार दबाव बनाते रहना चाहिए। एएचएफ फरवरी 2021 से ही एक नए, अधिक पारदर्शी और स्वतन्त्र जाँच के लिए लगातार आवाज उठाता रहा है, जब विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम वुहान में ही थी। आरम्भ से ही यह साफ़ हो गया था कि टीम के कुछ सदस्यों के बीच हित की टकराहट और वुहान शिष्ट मंडल के प्रति चीन की निरंकुश उपेक्षा के कारण जाँच की सत्यता संदेह के घेरे में रहेगी। 29 मार्च और 31 मई को जाँच में भारी अंतर को उजागर करते हुए फॉलो-अप वक्तव्य जारी किये गए। डॉ. एम्बरेक के साथ साक्षात्कार वाली “द वायरस मिस्ट्री” नामक डाक्यूमेंट्री और वुहान में रहने के दौरान उनके द्वारा अपने फ़ोन पर लिए गए कुछ फुटेज इस गुरूवार के दिन डेनमार्क के टीवी2 चैनल पर प्रसारित किये गए थे। एड्स हेल्थकेयर फाउंडेशन (एएचएफ) सबसे बड़ा वैश्विक एड्स संगठन है। वर्तमान में यह यूएस, अफ्रीका, लैटिन अमेरिका/कैरिबियाई देशों और एशिया/प्रशांत क्षेत्र और यूरोप सहित विश्व के 45 देशों में 1.5 मिलियन से अधिक क्लाइंट्स को चिकित्सीय देखभाल और/या सेवाएँ प्रदान करता है। एएचएफ के बारे में अधिक जानकारी के लिए कृपया हमारी वेबसाइट www.aidshealth.org देखें, हमसे फेसबुक: www.facebook.com/aidshealth पर जुडें और ट्विटर: @aidshealthcare तथा इन्स्टाग्राम: @aidshealthcare पर फॉलो करें। businesswire.com पर स्रोत संस्करण देखें: https://www.businesswire.com/news/home/20210813005413/en/ |
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