वैसे तो पेरोवस्काइट (perovskite) क्वांटम डॉट्स (पीक्यूडीज) क्वांटम एमिटर्स के बीच उभरते सितारे हैं पर इनकी सहज अस्थिरता ने इनके विकास को सीमित कर दिया है। अब नॉर्थ वेस्टर्न यूनिवर्सिटी में मटेरियल साइंस और इंजीनियरिंग विभाग की प्रो हाओ-वु लिन, भौतिकशास्त्र विभाग के प्रो चिह संग चू और रसायन शास्त्र विभाग के प्रोफेसर रिचर्ड डी स्कैलर ने संयुक्त रूप से पीक्यूडीज का विकास किया है। इसमें उच्च स्थिरता और स्वयं ठीक होने कि योग्यता है और इसकी किफायती प्रक्रिया है : स्प्रे सिन्थेसिस। इनके पीक्यूडीज बेजोड़ सिंगल फोटॉन ब्राइटनेस डिसप्ले करते हैं। बेशक इसने सबसे ब्राइट रूम ट्रेम्प्रेचर क्वांटम एमिटर मटेरियल का रिकार्ड तोड़ा है। क्वांटम सूचना प्रसंस्करण के लिए यह एक अहम शुरुआत है। इस प्रेस विज्ञप्ति में मल्टीमीडिया है। पूरी विज्ञप्ति यहां देखें https://www.businesswire.com/news/home/20210611005011/en/ एनटीएसचूय में मटेरियल साइंस एंड इंजीनियरिंग विभागक के प्रोफेसर हाओ-वु-लिन ने कमरे के तापमान पर दुनिया के सबसे ब्राइट क्वांटम एमिटर्स का विकास करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। (फोटो: नेशनल त्सिंग हुआ यूनिवर्सिटी) लिन कहती हैं, अन्य क्वांटम एमिटर्स से अलग, पीक्यूडीज कमरे के तापमान पर उत्कृष्ट ऑप्टिकल गुणों के साथ सिंगल फोटो एमिशन हासिल कर सकते हैं। इनमें उच्च मात्रा में फल और उच्च एकल फोटोन शुद्धता शामिल है जो इन्हें भविष्य के क्वांटम कंप्यूटिंग और क्वांटम संचार के लिए आदर्श बनाता है। हाल के वर्षों में पीक्यूडीज ने अंतरराष्ट्रीय अनुसंधानकर्ताओं का अच्छा-खासा ध्यान आकर्षित किया है। उत्तेजना की स्थिति में ये सामग्रियों की स्थिरता का विस्तार कुछ मिनट के लिए करने की उम्मीद कर रहे थे। पीक्यूडीज बनाने का परंपरागत तरीका एक फ्लास्क में दो भिन्न घोल को सीधे मिला देने का है। लिन की अनुसंधान टीम ने इसकी जगह स्प्रे सिंथेसिस विधि को अपनाया ताकि रीऐक्टैंट के लिए संपर्क क्षेत्र का भारी विस्तार हो सके और प्रत्येक पीक्यूडी की सतह पर एक जैसी रक्षात्मक ऑर्गेनिक लेयर (परत) का विकास किया जा सके।परिणामस्वरूप पीक्यूडीज ने 24 घंटे तक लगातार उत्तेजित करने के बावजूद अपनी चमक बनाए रखी। और यह सघन प्रकाश में संभव हुआ। स्थायित्व में एक नाटकीय सुधार है। एक आश्चर्यजनक नतीजा यह है कि स्प्रे से सिंथेसाइज्ड पीक्यूडीज में एक अनूठी सेल्फ हीलिंग (स्वयं ठीक होने की) योग्यता होती है। वैसे तो बेहद उच्च इनटेनसिटी पर उत्तेजित करने और क्षरण का सामना कर चुके पीक्यूडी को उनकी मूल चमक मिल गई और यह कई मिनट के ब्रेक के बाद मिली है। टीम के अनुसंधान प्रतिष्ठा वाले अंतरराष्ट्रीय जर्नल एसीएस नैनो में मौजूद हैं और सबसे ताजा अंक के कवर पर इसे प्रस्तुत किया गया है। लिन इन क्वांटम डॉट्स को पूरा करने की तुलना डंपलिंग निर्माण से करती हैं। कुछ लोगों ने भिन्न अवयव का इस्तेमाल करने की कोशिश की है, दूसरों ने मोटे रैपर्स का उपयोग करके कोशिश की है कुछ लोगों ने मोटे रैपर्स का उपयोग करके आजमाने की कोशिश की है और इस तरह रैपिंग द डंपलिंग्स की विधि को एकदम परफेक्ट करने पर ध्यान दिया गया है। जर्नल पेपर के पहले लेखक हैं, बो-वेई ह्सु जो एनटीएचयू में एक डॉक्टोरल छात्र रहे हैं। स्वयं ठीक होने वाले पीक्यूडी का पता चलने वाले क्षण को याद करते हुए ह्सु ने कहा, जोरदार उत्तेजना की अवधि के दौरान मजबूत उत्तेजना की अवधि के बाद पीक्यूडीज धीरे धीरे मद्धिम हो गए पर कुछ समय के बाद उन सबों ने अपनी पुरानी चमक हासिल कर ली – और मैं बमुश्किल अपनी आंखों पर भरोसा कर पाया!” ह्सु ने प्रयोग बार-बार दोहराए और आखिरकार खुद को संतुष्ट कर लिया कि पीक्यूडीज में आधा ठीक होने की योग्यता होती है। लिन कहती हैं कि उनके स्प्रे सिन्थेसाइज्ड पेरोवस्काइट (perovskite) क्वांटम एमिटर को दूसरे क्वांटम एमिटर्स द्वारा आवश्यक एक्साइटेशन इनटेनसिटी के करीब 1 प्रतिशत उत्तेजना की आवश्यकता होती है और यह सिंगल फोटॉन ब्राइटनेस मुहैया करवाता है जो 9 मिलियन फोटॉन प्रति सेकेंड से ज्यादा होता है। यह एक नया विश्व रिकार्ड है। इसके अलावा, सिंगल फोटोन शुद्धता थोड़ी ज्यादा थी जो 98% तक पहुंच गई। ऐसे उत्कृष्ट प्रदर्शन, उच्च सिंगल फोटोन ब्राइटनेस, हाई सिंगल फोटोन प्यूरिटी और हाई स्टैबिलिटी के साथ — क्वांटम कंप्यूटिंग और क्वांटम कम्युनिकेशंस में इनके पेरोवस्काइट क्वांटम एमिटर भविष्य के एपलीकेशन के लिए सामग्री का वादा कर रहा है। स्रोत रूपांतर बिजनेसवायर डॉट कॉम (businesswire.com) पर देखें : https://www.businesswire.com/news/home/20210611005011/en/ |
संपर्क : हॉली ह्सुवेह (Holly Hsueh) एनटीएचयू (886)3-5162006 [email protected] घोषणा (अस्वीकरण): इस घोषणा की मूलस्रोत भाषा का यह आधिकारिक, अधिकृत रूपांतर है। अनुवाद सिर्फ सुविधा के लिए मुहैया कराए जाते हैं और उनका स्रोत भाषा के आलेख से संदर्भ लिया जा सकता है और यह आलेख का एकमात्र रूप है जिसका कानूनी प्रभाव हो सकता है। |
