जेम्स जोसेफ एक टेक्नोलॉजी दिग्गज हैं जिन्होंने माइक्रोसॉफ्ट, फोर्ड और 3एम में 25 से अधिक सालों तक काम किया है। संयोग से उन्हें मधुमेह के लिए कटहल के फायदों के बारे में पता चला। इससे वे पेटेंटेड कच्चे कटहल का आटा (ग्रीन जैकफ्रूट फ्लोर) विकसित करने के लिए प्रेरित हुए जोकि रक्त शर्करा को नियंत्रित करने के लिए चिकित्सकीय दृष्टि से साबित है। चिकित्सकीय अध्ययन के परिणामों को अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन जर्नल, डायबिटीज में प्रकाशित किया गया है।
एक रैंडम, डबल ब्लाइंड, प्लेसबो—नियंत्रित अध्ययन के परिणाम एडीए जर्नल डायबिटीज में प्रकाशित हुए। इसमें उन प्रतिभागियों में 90 दिनों के भीतर एचबीए1सी में उल्लेखनीय गिरावट देखने को मिली जिन्होंने अपनी डाइट के हिस्से के तौर पर 30 ग्राम जैकफ्रूट365 ग्रीन जैकफ्रूट-फ्लोर रोज लिया। इन प्रतिभागियों ने चावल या गेहूं के आटे के बराबर मात्रा की जगह जैकफ्रूट365 ग्रीन जैकफ्रूट-फ्लोर का सेवन किया।
अध्ययन के अनुसार, जैकफ्रूट365 ग्रीन जैकफ्रूट फ्लोर मील के सेवन के बाद हमारे परिणाम ग्लाइकोसिलेटेड हीमोग्लोबिन (एचबीए1सी), फास्टिंग ब्लड ग्लूकोज (एफबीजी), पोस्टप्रैडिनल ग्लूकोज (पीपीजी) में गिरावट दर्शाते हैं। यह टी2डीएम में ग्लाइसेमिक नियंत्रण में सुधार करने में ग्रीनजैकफ्रूट फ्लोर मील की थेरेप्यूटिक क्षमता को प्रदर्शित करता है।”
जैकफ्रूट365 ग्रीन जैकफ्रूट फ्लोर अमेज़न और बिगबास्केट के जरिये ऑनलाइन उपलब्ध है और इसे इस्तेमाल करना बहुत आसान है। आपको बस प्रति व्यक्ति प्रति भोजन के लिए एक टेबलस्पून आटा मिलाना होगा। देशभर में इसके उपयोक्ता इसके फायदों का अनुभव कर रहे हैं।
डॉ. उम्मेन वी उम्मन, एमेरिटस प्रोफसेर, यूनिवर्सिटी ऑफ केरल ने कहा, “मैं 5 सालों से इंसुलिन ले रहा हूं और मुझे टीवी चैनल पर आ रहे एक डिबेट के दौरान ब्लड शुगर (रक्त शर्करा) को नियंत्रित करने के लिए ग्रीन जैकफ्रूट फ्लोर के फायदों के बारे में पता चला। केरल की जैवविविधिता को लेकर मेरी जिज्ञासा एवं दिलचस्पी के चलते, मैंने अपने नाश्ते में जैकफ्रूट 365 आटे का इस्तेमाल करना आरंभ कर दिया। दो हफ्ते में मैंने अपना इंसुलिन आधा घटा लिया और दो महीनों में जब मैंने एचबी1एसी परीक्षण कराया तो इसके परिणाम देखकर मैं दंग था क्योंकि यह 8.3 से घटकर 7 पर आ गया।”
मधुमेह के इलाज के लिए कटहल (जैकफ्रूट) की लोकप्रियता बढ़ने से पहले, केरल में 80 प्रतिशत तक यह फल बर्बाद हो जाता था। जेम्स के मुताबिक इसके आकार, पैकेजिंग और लॉजिस्टिक्स के कारण, हर साल 2000 करोड़ से अधिक मूल्य का कटहल बर्बाद हो जाता था।
हाल ही में, अक्टूबर 2020 में जैकफ्रूट 365 ने फूड प्रोसेसिंग श्रेणी में नेशनल स्टार्टअप पुरस्कार जीता था। यह रक्त शर्करा को नियंत्रित करने और किसानों को आय का अतिरिक्त स्रोत मुहैया कराने के लिए स्थानीय रूप से पेटेंटेड एवं चिकित्सीय रूप से प्रमाणित आविष्कार था।
ऐसा फल जो पहले बर्बाद होता था, आज मधुमेह के रोगियों के लिए रक्त शर्करा नियंत्रित करने का एक पेटेंटेड समाधान बन गया है। श्री जोसेफ ने अपने निरंतर प्रयासों के जरिए कटहल को केरल का आधिकारिक फल बना दिया है। शायद जमीनी स्तर पर यह “वोकल फॉर लोकल” मिशन को असली सलाम है।
