उच्च ऊर्जा घनत्व और निम्न लागत के कारण मेटल एयर बैटरी भविष्य के सबसे आशाजनक ऊर्जा स्रोतों में से एक हैं। सिंघुआ-लिवरपूल के एक संयुक्त अनुसंधान दल ने हाल ही में एक नया चार्ज स्टोरेज मैकेनिज्म विकसित किया है जो कैल्शियम-एयर बैटरी के भीतर रिचार्ज करने की अनुमति देता है। यह बैटरी तकनीक की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस प्रेस विज्ञप्ति में मल्टीमीडिया की सुविधा है। पूरी विज्ञप्ति यहां देखें: https://www.businesswire.com/news/home/20210816005031/en/ यह खोज केमिकल साइंस में प्रकाशित हुई है। पेपर के मुख्य लेखक, यी-टिंग लू, सिंघुआ और लिवरपूल में एक संयुक्त डॉक्टरेट छात्र हैं, जिनके पर्यवेक्षक प्रो ची-चांग हू (केमिकल इंजीनियरिंग विभाग, एनटीएचयू) और प्रो लॉरेंस हार्डविक (रसायन विज्ञान विभाग, यूओएल) हैं।) कैल्शियम-एयर बैटरी से संबंधित एक बड़ी सफलता प्रो हू ने कहा कि पारंपरिक लिथियम-आयन बैटरी की व्यावहारिक क्षमता सीमित होती है। इस वजह से कई शोधकर्ता वैकल्पिक बैटरी तकनीक विकसित करने पर काम कर रहे हैं। उनका ध्यान जिंक, लिथियम, सोडियम, पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम और अल्युमिनियम पर आधारित मेटल-एयर बैटरी पर है। कैल्शियम-एयर बैटरी की विशेषता इसकी उच्च विशिष्ट ऊर्जा है, जो पारंपरिक लिथियम-आयन बैटरी से पांच गुना अधिक है। हालांकि, कैल्शियम-एयर बैटरियों की व्यवहार्यता में एक सबसे बड़ी कमी यह है कि इन्हें रिचार्ज नहीं किया जा सकता है। लू ने विस्तार से बताते हुए कहा कि कि मेटल-एयर बैटरियां इलेक्ट्रोकेमिकल सेल हैं जो आमतौर पर एक सक्रिय धातु का उपयोग नकारात्मक इलेक्ट्रोड के रूप में करती हैं, और एक छिद्रपूर्ण कार्बन सामग्री जो सकारात्मक इलेक्ट्रोड के रूप में हवा के संपर्क में होती है। जब धातु ऑक्सीकृत हो जाती है तो सकारात्मक इलेक्ट्रोड पर ऑक्सीजन कम हो जाती है, जिससे विद्युत प्रवाह उत्पन्न होता है। एनटीएचयू में डॉक्टरेट की पढ़ाई का पहला साल पूरा करने के बाद लू ने सितंबर 2018 में यूओएल में स्टीफेंसन इंस्टीट्यूट फॉर रिन्यूएबल एनर्जी में दाखिला लिया। प्रोफेसर हार्डविक की देखरेख में उन्होंने कैल्शियम-एयर बैटरी में इस्तेमाल होने वाले इलेक्ट्रोलाइट पर शोध करना शुरू किया। लू ने पाया कि जब एक एकल इलेक्ट्रोड को बार-बार चार्ज और डिस्चार्ज किया जाता है, तो शुरू में कोई रिवर्सिबिलिटी नजर नहीं आती है लेकिन कुछ दर्जन सायकल के बाद यह धीरे-धीरे कुछ रिवर्सिबिलिटी प्रदर्शित करता है। हैरानी की बात यह है नतीजे पुस्तकों में लिखी बातों के मुकाबले बिलकुल भिन्न रहे। शोध दल ने इस घटना के पीछे के कारणों को उजागर करने के उद्देश्य से कई प्रयोग किए। इलेक्ट्रोड सतह पर, डिस्चार्ज उत्पाद एक कैल्शियम ऑक्साइड (CaxOy) इंटरलेयर बनाते हैं, जहां ऑक्सीजन का डिस्चार्ज उत्पाद, जिसे सुपरऑक्साइड के रूप में जाना जाता है, सीमित है। इससे सुपरऑक्साइड को आसानी से ऑक्सीकृत किया जा सकता है। इससे पता चलता है कि ऑक्सीजन को बार-बार ऑक्सीकृत/कम किया जा सकता है, ताकि सेल को लगातार डिस्चार्ज/रिचार्ज किया जा सके। शोध दल के सदस्य और लिवरपूल पोस्टडॉक्टरल शोधकर्ता डॉ. एलेक्स नेले ने कहा कि व्यवस्थित इलेक्ट्रोकेमिकल और स्पेक्ट्रोस्कोपी जांच के माध्यम से टीम ने इस चार्ज स्टोरेज मैकेनिज्म की उत्पत्ति को समझना शुरू कर दिया है जो सिस्टम के लिए पहले के अज्ञात रिवर्सिबिलिटी की सुविधा प्रदान करता है और यह कैल्शियम-एयर बैटरी पर आधारित है। प्रो. हार्डविक ने कहा कि टीम नई बैटरी प्रणालियों को डिजाइन करने पर ध्यान केंद्रित करेगी जो इस नए खोजे गए चार्ज स्टोरेज तंत्र का उपयोग करती हैं। उन्होंने कहा कि यह सहकारी अनुसंधान था जिसने उनकी खोज को संभव बनाया और भविष्य में एनटीएचयू और यूओएल के बीच और भी घनिष्ठ सहयोग की योजना है। businesswire.com पर स्रोत विवरण देखें: https://www.businesswire.com/news/home/20210816005031/en/ |
संपर्क: हॉली स्यूह एनटीएचयू (886)3-5162006 [email protected] घोषणा (अस्वीकरण): इस घोषणा की मूलस्रोत भाषा का यह आधिकारिक, अधिकृत रूपांतर है। अनुवाद सिर्फ सुविधा के लिए मुहैया कराए जाते हैं और उनका स्रोत भाषा के आलेख से संदर्भ लिया जा सकता है और यह आलेख का एकमात्र रूप है जिसका कानूनी प्रभाव हो सकता है। |
