2024 का सर्वेक्षण, Sahamati के सहयोग से, पूरे भारत में 1,860 व्यक्तिगत स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं के बीच संचालित किया गया था। यह भारत के उपभोक्ताओं के बीच AA इकोसिस्टम के बारे में जागरूकता, समझ, और उसे अपनाए जाने के बारे में मूल्यांकन करने के लिए, 2023 के अंत में भारत में CGAP द्वारा कराए गए ग्राहक रिसर्च पर आधारित है।
रिसर्च के अनुसार, वर्ष 2023 और 2024 के दौरान AA इकोसिस्टम के बारे में जागरूकता और उसे अपनाए जाने में तेज़ी आई है।
- 2024 में, ऋण प्रक्रिया में AA इकोसिस्टम में सहभागी न बनने वाले उत्तरदाताओं में से 30 प्रतिशत ने बताया कि उन्होंने AA सेवाओं के बारे में सुन रखा था, जो कि 2023 की तुलना में 12 प्रतिशत ज्यादा था।
- 2023 के 33 प्रतिशत से बढ़कर, सर्वेक्षण के करीब 71 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने बताया कि वे भविष्य में बेहतर ऋण प्रस्तावों के बदले में AA इकोसिस्टम के माध्यम से डेटा साझा करने पर विचार करेंगे। जो उत्तरदाता अपना डेटा साझा करने के लिए तैयार थे, उन्होंने अपनी इस इच्छा के प्राथमिक कारणों के रूप में सुविधा और ऋणदाता में विश्वास का हवाला दिया।
- 25 प्रतिशत से भी अधिक उत्तरदाताओं ने बताया कि वे अपने वित्त पर नज़र रखने या अपने खातों का समग्र अवलोकन प्राप्त करने के लिए, व्यक्तिगत वित्तीय प्रबंधन ऐप्स के साथ डेटा साझा करने हेतु सहमति-आधारित प्रक्रिया का उपयोग करते हैं।
इस प्रगति के बावजूद, रिसर्च से यह भी पता चला कि, वर्ष 2023 की ही तरह, जागरूकता में भू-जनसांख्यिक अंतर स्पष्ट था।
- हालांकि पुरुषों और महिलाओं दोनों में क्रमशः 35 प्रतिशत और 25 प्रतिशत तक जागरूकता की वृद्धि हुई, किंतु साथ ही अंतर भी 2023 के तीन प्रतिशत अंक से बढ़कर 2024 में 10 प्रतिशत अंक हो गया।
- कम से कम उच्चतर माध्यमिक शिक्षा प्राप्त कर चुके उत्तरदाता इस स्तर की शिक्षा प्राप्त न करने वाले उत्तरदाताओं से कहीं अधिक जागरूक थे जिनका अनुपात क्रमशः 35 प्रतिशत और 18 प्रतिशत था, और दूसरी ओर स्व-रोजगार या बेरोजगार लोगों की तुलना में वेतनभोगी कर्मचारी सबसे अधिक जागरूक थे।
CGAP में वित्तीय क्षेत्र की वरिष्ठ विशेषज्ञ, Maria Fernandez Vidal ने कहा कि, "इस साल के सर्वेक्षण से पता चलता है कि भारत में AA इकोसिस्टम अपनी गति पकड़ रहा है। साथ ही, यह पारंपरिक रूप से वंचित समूहों तक पहुंच प्राप्त करने में मिल रही लगातार चुनौतियों को भी उजागर करता है।" Fernandez Vidal ने आगे कहा कि "ओपन फायनेंस इकोसिस्टम में, उपभोक्ता अपना डेटा साझा करने के लिए वित्तीय संस्थानों को सहमति दे सकते हैं, जिससे वित्तीय सेवाओं की व्यापक श्रृंखला तक पहुंच प्राप्त होती है। पारंपरिक रूप से वंचित समूहों के बीच जागरूकता उत्पन्न करने और उन्हें अपनाए जाने से असमानताओं को पाटने और कम आय वाले समुदायों को अपने वित्त पर नियंत्रण रखने में सशक्त बनाने में मदद मिल सकती है। हम भारत में अपना वार्षिक सर्वेक्षण जारी रखने के लिए उत्सुक हैं ताकि हम और अधिक जान सकें कि यह इकोसिस्टम किस प्रकार विकसित हो रहा है।"
Sahamati की मुख्य नीति और पक्ष-समर्थन अधिकारी, Shalini Gupta ने कहा कि, "यह सर्वेक्षण AA इकोसिस्टम के माध्यम से डेटा साझा करने की बढ़ती हुई स्वीकार्यता की पुष्टि करता है, जिससे अपनी वित्तीय जानकारी पर अधिक नियंत्रण और पारदर्शिता के साथ उपभोक्ताओं को सशक्त बनाया जा रहा है।" उन्होंने यह भी कहा कि "हम जैसे-जैसे आगे बढ़ेंगे, Sahamati डेटा साक्षरता और समावेशिता को बढ़ावा देने वाली पहलों को प्रोत्साहित करना जारी रखेगी, और सुनिश्चित करेगी कि ओपन फायनेंस के लाभ समाज के सभी वर्गों, विशेष रूप से पारंपरिक रूप से वंचित लोगों को मिल सकें। हम इस इकोसिस्टम के निरंतर विकास को देखकर उत्साहित हैं।"
रिसर्च के अतिरिक्त निष्कर्ष यहां उपलब्ध हैं:
संपादकों के लिए सूचना: इस सर्वेक्षण का संचालन भारत की वयस्क आबादी के 1,860 उत्तरदाताओं के प्रतिनिधि नमूने पर किया गया था, जिसमें ऐसे पुरुष और महिला दोनों शामिल थे जिन्हें स्मार्टफोन तक पहुंच प्राप्त थी। संकलित डेटा को सितंबर से नवंबर 2024 तक तीन महीने की अवधि में व्यक्तिगत साक्षात्कारों के माध्यम से एकत्र किया गया था।
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स्रोत: CGAP
