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एएचएफ: 10 बिन्दु जिसमें डब्ल्यूएचओ ने दुनिया को बेहद निराश किया

  • Friday, May 14, 2021 12:13PM IST (6:43AM GMT)
 
Los Angeles, United States:  
एड्स हेल्थकेयर फाउंडेशन (एएचएफ / AHF) ने संयुक्त राज्य के सदस्य राज्यों से अपील की है कि उन कई तरीकों पर विचार कर कार्रवाई की जाए जिनपर डब्ल्यूएचओ अपनी जिम्मेदारियों के अनुसार खरा नहीं उतरा। कोविड-19 से दुनिया की रक्षा करने की जिम्मेदारी डब्ल्यूएचओ की थी और वैश्विक स्तर पर एचआईवी एड्स केयर मुहैया कराने वाले दुनिया के सबसे बड़े संगठन ने यह मांग मई के अंत में होने वाली वर्ल्ड हेल्थ असेम्बली और इस बात के संकेत कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के डायरेक्टर जनरल की योजना दूसरा कार्यकाल प्राप्त करने की है, के मद्देनजर की है।

एएचएफ के प्रेसिडेंट माइकल वेंइनसटिन ने कहा, “डब्ल्यूएचओ द्वारा कोविड-19 को महामारी घोषित किए जाने और दुनिया भर में अस्त-व्यस्ता फैलने के बाद से 14 महीने गुजर चुके हैं। टीकाकरण चल रहा है पर दुनिया के बहुत बड़े हिस्से में यह बेहद धीमा है जबकि भारत जैसे देश में ‘आग’ लगी हुई है।” उन्होंने आगे कहा, “कोविड-19 को नियंत्रित करने के लिए संयोजित अंतरराष्ट्रीय प्रयास तकरीबन नहीं हुए हैं। इससे यह सवाल पैदा होता है कि — दुनिया इस महामारी से निपटने के लिए तैयार क्यों नहीं थी? और इससे भी महत्वपूर्ण, मुख्य रूप से वैश्विक जन स्वास्थ्य की रक्षा के लिए जिम्मेदार संस्थान, विश्व स्वास्थ्य संगठन इतनी बुरी तरह नाकाम क्यों रही?”

नीचे 10 बिन्दुओं के जरिए विस्तार से बताया गया है कि डब्ल्यूएचओ में सर्वोच्च स्तर पर गलत कदम उठाए गए। इससे देरी हुई और भ्रम फैला जिसका घातक असर दुनिया भर में देखा गया। डब्ल्यूएचओ की कार्रवाइयों या उनकी कमी के लिए आखिरकार डब्ल्यूएचओ के डायरेक्टर जनरल ट्रेडोस अधानोम घेब्रेसस जिम्मेदार हैं। यह जिम्मेदारी कोविड-19 महामारी की शुरुआत से ही है। इन तथ्यों के आलोक में यह स्पष्ट है कि डॉ. ट्रेडोस को डायरेक्टर जनरल के पांच वर्ष के अगले कार्यकाल के पुनर्निर्वाचित नहीं किया जाना चाहिए।

जैसा कि सार्स, इबोला, जिका और कोविड-19 से पता चला है, हरेक नई संक्रामक बीमारी की शुरुआत के साथ कुछ अनूठी विशेषताएं आती हैं जो अनअपेक्षित चुनौतियां खड़ी करती हैं और एक सुविज्ञ रेसपांस की आवश्यकता होती है। हर तरह की शुरुआत के लिए कोई तैयार समाधान नहीं हो सकता है पर सबूत आधारित जन स्वास्थ्य के सर्वश्रेष्ठ व्यवहार के लिहाज से कुछ बुनियादी, सर्वव्यापक सिद्धांत होते हैं जैसे पारदर्शिता, जिम्मेदारी और संयोजन। ट्रेडोस के नेतृत्व में कोविड-19 का मुकाबले करने में डब्ल्यूएचओ इन सिद्धातों को लागू करने और इनके अनुपालन में निम्नलिखित ढंग से मोटे तौर पर नाकाम रहा है:
 
  1. वैसे तो यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि कोविड-19 की शुरुआत कब और कहां हुई, हमें पता है कि सबसे पहले इसकी सूचना डब्ल्यूएचओ ने दी थी। इटली में हाल में हुए एक अध्ययन (study) से पता चलता है कि उनका पहला मामला चीन में सबसे पहले पहचाने गए मामले से पहले का है। इसके अलावा, चीन में आठ वैज्ञानिकों (eight scientists) ने दिसंबर 2019 में नोवल वायरस के बारे में सतर्क किया। अधिकारियों ने इन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की थी। हार्वर्ड विश्वविद्यालय के विश्लेषण (analysis) से वुहान की स्वास्थ्य इकाइयों में अगस्त 2019 के समय आवाजाही बढ़ने का पता चलता है। डब्ल्यूएचओ के पास समय रहते प्रभावी चेतावनी की व्यवस्था नहीं थी, उसे इस वायरस के बारे में पता था पर इसकी रिपोर्ट नहीं की या चीनी की सरकार ने इसके बारे में जानने से रोका। नतीजा यह है कि कोविड-19 रडार के तहत महीनों फैलता है, जिससे प्रभावी रोकथाम नहीं हो पाती है और विनाशकारी महामारी का मार्ग प्रशस्त होता है।
  2. डब्ल्यूएचओ ने एक बार जब जनवरी 2020 की शुरुआत में वायरस के उभरने की बात स्वीकार की, तो उसने एएचएफ सहित प्रमुख स्टेकधारकों के दबाव का विरोध किया, और 30 जनवरी, 2020 तक अंतर्राष्ट्रीय चिंता वाली सार्वजनिक स्वास्थ्य इमरजेंसी घोषित (declare) नहीं की। जनवरी के अंत तक, वहां कोविड-19 के 8,000  से ज्यादा मामले आधिकारिक तौर पर हो चुके थे। इससे इसके खिलाफ तैयारी करने और प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया करने में देशों की ओर से देरी हुई।
  3. कई देशों में कोविड-19 के प्रसार के बावजूद, डब्ल्यूएचओ ने महामारी घोषित करने के लिए (declare a pandemic) 11 मार्च, 2020 तक 40 दिनों तक  इंतजार किया।
  4. डब्ल्यूएचओ के डायरेक्टर जनरल ने कोविड-19 के प्रति चीन की प्रतिक्रिया की बार-बार प्रशंसा (praised) की, यह जानने के बावजूद कि उसके अधिकारी जल्दी और पारदर्शी तरीके से काम करने में विफल रहे और इस तरह प्रतिक्रिया करने में विश्व का बहुमूल्य समय नष्ट हुआ। इसके अलावा, डब्ल्यूएचओ को पता था कि चीन वायरस के बारे में महत्वपूर्ण डेटा (vital data) को रोक रहा था और वायरस की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए स्वतंत्र वैज्ञानिकों को आने से रोक रहा था। डब्ल्यूएचओ का प्रतिनिधिमंडल (delegation) हाल ही में चीन गया था और उसे स्रोत डेटा (source data) को देखने से रोक दिया गया था और चीनी अधिकारियों द्वारा सावधानीपूर्वक प्रबंध किया गया था।
  5. डब्ल्यूएचओ पैनल, जिसे कोविड-19 की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए चीन भेजा गया था, पूरी तरह से स्वतंत्र (not entirely independent) नहीं था। इसका चुनाव चीन सरकार के साथ मिलकर किया गया था और इसमें वे लोग भी शामिल थे (included people) जो वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में काम करते थे और इस कारण हितों के टकराव का स्पष्ट मामला था। ऐसी स्थिति में जब  निष्पक्षता आवश्यक थी, डब्ल्यूएचओ के पास देशों को जवाबदेह रखने के लिए पर्याप्त नेतृत्व या शक्ति नहीं थी।
  6. इस महामारी के दौरान, डब्ल्यूएचओ अधिकृत वैज्ञानिक जानकारी, डेटा और व्यावहारिक परिचालन मार्गदर्शन करने में विफल रहा जबकि इससे वायरस को नियंत्रित करने के वैश्विक प्रयासों की सूचना मिल सकती थी। परिणामस्वरूप, लगभग हर देश ने मामले की रिपोर्टिंग, यात्रा प्रतिबंध और मार्गदर्शन के संबंध में अपने स्तर पर कार्रवाई की (acted on its own), जिससे अराजकता और बीमारी के प्रसार में योगदान हुआ।
  1. डब्ल्यूएचओ के पास सुसंगत संचार नीति नहीं थी। वे ऐसे मामलों पर आधिकारिक रूप से बोलते थे जो उन्हें समझ में नहीं आते थे लेकिन उन चीजों पर गलत बोलते थे जो काफी स्पष्ट थे। कुछ उदाहरणों में प्रारंभिक विसंगतियां शामिल हैं जब सवाल था कि मानव-से-मानव (human-to-human) संचरण, फेस मास्क (face masks) का प्रभाव और कोविड -19 के रोगियों के बीच इबुप्रोफेन (Ibuprofen) या डेक्सामेथासोन के उपयोग का प्रभाव शामिल है।  
  1. डब्ल्यूएचओ ने एक प्रभावी टीका रणनीति का विकास नहीं किया। कोवैक्स (COVAX) के साथ काम करते हुए, वे विकासशील दुनिया के लिए वैक्सीन तक पहुंच की गारंटी देने के लिए आवश्यक संसाधन जुटाने में विफल रहे, आवश्यक पेटेंट खत्म कराने के लिए न्यूनतम मानकों या दुष्प्रभावों पर सहमति बनाने और प्रभावी मार्गदर्शन प्रदान करने में विफल रहे। इस समय कोवैक्स को 92 निम्न-आय वाले देशों में 20% लोगों की रक्षा (protect 20%) के लिए पर्याप्त टीके उपलब्ध कराने की उम्मीद है, लेकिन डब्ल्यूएचओ का कहना है कि कोविड-19 को रोकने के लिए, कम से कम 70% (least 70%) लोगों को टीका लगाने की आवश्यकता है।
  2. डब्ल्यूएचओ रोकथाम के उपायों में सहयोग करने के लिए नागरिक समुदायों को समझाने में मदद करने के लिए नागरिकों को प्रोत्साहन देकर समाज को लामबंद और शिक्षित करने में विफल रहा।
  3. डब्ल्यूएचओ बुनियादी सुरक्षात्मक उपकरणों के लिए समय पर काम करने योग्य मानकों को प्रदान करने या स्थापित करने में विफल रहा।

इन और कई अन्य कारणों से दुनिया को एक नई जन स्वास्थ्य सुरक्षा व्यवस्था की जरूरत है। 194 स्वास्थ्य मंत्रियों के प्रति जवाबदेह विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रकृति ही बेहद राजनीतिकृत है और कार्यक्षेत्र से दूर जीनिवा में यह आराम से सुरक्षित है। इस कारण यह इससे और भविष्य की किसी भी महामारी से लड़ने में अप्रभावी हो जाता है।

वैश्विक जनस्वास्थ्य प्रणाली में बुनियादी सुधार की शीघ्र आवश्यकता बताने के लिए यह प्रेस विज्ञप्ति दो भाग के एक बयान का पहला हिस्सा है। दूसरे भाग में बताया जाएगा कि एक नया और बेहतर वैश्विक जन स्वास्थ्य सम्मेलन डिजाइन किया जाना चाहिए।

एड्स हेल्थकेयर फाउंडेशन (एएचएफ), सबसे बड़ा वैश्विक एड्स संगठन है। फिलहाल यह अमेरिका, अफ्रीका, लैटिन अमेरिका / कैरीबीयन, एशिया / प्रशांत क्षेत्र और यूरोप सहित पूरे विश्व के 45 देशों में 1.5 मिलियन से अधिक क्लाइंट्स को चिकित्सीय देखभाल और / या सेवाएँ प्रदान कर रहा है। एएचएफ के बारे में अधिक जानकारी के लिए कृपया वेबसाइट : www.aidshealth.org, पर आइए फेसबुक पर तलाशिए: www.facebook.com/aidshealth और ट्वीटर: @aidshealthcare तथा इंस्टाग्राम: @aidshealthcare पर फॉलो कीजिए।

स्रोत रूपांतर बिजनेसवायर डॉट कॉम (businesswire.com) पर देखें : https://www.businesswire.com/news/home/20210511006230/en/
 
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डेनिस नजारोव, निदेशक, वैश्विक नीति और संचार, एएचएफ  
+1 323.308.1829
[email protected]
टेरी फोर्ड, वैश्विक समर्थन एवं नीति प्रमुख, एएचएफ  
+1 323.308.1820
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घोषणा (अस्वीकरण): इस घोषणा की मूलस्रोत भाषा का यह आधिकारिक, अधिकृत रूपांतर है। अनुवाद सिर्फ सुविधा के लिए मुहैया कराए जाते हैं और उनका स्रोत भाषा के आलेख से संदर्भ लिया जा सकता है और यह आलेख का एकमात्र रूप है जिसका कानूनी प्रभाव हो सकता है।
 


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