एड्स हेल्थकेयर फाउंडेशन (AHF) के अनुसार, वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (विश्व स्वास्थ्य संगठन) या डब्ल्यूएचओ के नए डायरेक्टर जनरल की नियुक्ति की प्रक्रिया जब शुरू हो रही है तो यूनाइटेड नेशंस के सदस्य राज्यों को डब्ल्यूएचओ में नेतृत्व परिवर्तन पर विचार करना चाहिए। एएचएफ वैश्विक स्तर पर एचआईवी/एड्स केयर का दुनिया का सबसे बड़ा प्रदाता है। डब्ल्यूएचओ के नए डायरेक्टर जनरल की नियुक्ति मई 2022 के लिए निर्धारित (slated for May 2022) है। डब्ल्यूएचए के मौजूदा प्रमुख टेड्रोस अलोम घेब्रेयसस अपना पहला कार्यकाल पूरा कर लेंगे तब नए प्रमुख की नियुक्ति होनी है। एएचएफ के प्रेसिडेंट माइकल वेनस्टीन ने कहा, “असाधारण परिस्थितियां असाधारण नेतृत्व की मांग करती है और इसीलिए डब्ल्यूएचओ का नेतृत्व करने के लिए हमें नए उम्मीदवार की आवश्यकता है। कोविड-19 पर वैश्विक प्रतिक्रिया के सबसे गंभीर कदमों पर नजर डालते हुए यह स्पष्ट है कि उसी रास्ते पर चलते हुए महामारी हाल-फिलहाल में खत्म होने वाली नहीं है।” उन्होंने आगे कहा, “जब अरबों जानें खतरे में हों, तो डब्ल्यूएचओ लीडर को किसी से भी जुड़ा हुआ नहीं होना चाहिए बल्कि उनकी जिम्मेदारी है कि खुलकर बोलें और वैश्विक जन स्वास्थ्य की रक्षा के लिए जो कुछ भी जरूरी हो, करें। दुख की बात है कि इस समय चल रही महामारी के मामले में ऐसी स्थिति नहीं रही है।” कोविड-19 संकट ने यह जता दिया है कि जब महामारी निर्भीक नेतृत्व और अभिनव सोच चाहती थी तो डब्ल्यूएचओ जनस्वास्थ्य के उपायों को शीघ्र लागू करने की बजाय बार-बार अंतरराष्ट्रीय राजनीति और नौकरशाही में लगा रहा। बार-बार की इन नाकामियों ने दुनिया को नई और जारी हेल्थ इमरजेंसी का शिकार होने के लिहाज से नाजुक बना दिया है। इस स्थिति से निपटने के लिए एक नए और सक्रिय व्यक्ति को डब्ल्यूएचओ का प्रभारी बनाया जाना चाहिए। एएचएफ के अफ्रीका ब्यूरो प्रमुख डॉ. पेनिनाह इउतुंग ने कहा, “कोविड-19 पर धीमी प्रतिक्रिया के प्रभाव को सारी दुनिया ने महसूस किया है लेकिन अफ्रीका पर दीर्घ अवधि का आर्थिक और सामाजिक प्रभाव खासतौर से गंभीर होगा क्योंकि वहां टीकों की गंभीर कमी है।” उन्होंने आगे कहा, “अगर हमें सही अर्थों में सारी दुनिया के स्वास्थ्य की रक्षा करनी है तो डब्ल्यूएचओ का नेतृत्व ऐसे व्यक्ति को करना चाहिए जो उलाहने से आगे हो और परिस्थितियां चाहे जो हों बोलना चाहता हो। कोविड-19 और अन्य संक्रामक बीमारियों से संबंधित पहले के आधे गशक की गलतियां यह स्पष्ट करती हैं कि डब्ल्यूएचओ को अपनी दिशा बदलनी चाहिए।” निम्नलिखित छह कारण रेखांकित करते हैं कि डब्ल्यूएचओ को नए डायरेक्टर जनरल की आवश्यकता क्यों है: 1.कोविड-19 को महामारी घोषित करने में डब्ल्यूएचओ ने देरी की
कोविड-19 का प्रभाव कई देशों में हो जाने के बावजूद डब्ल्यूएचओ ने महामारी की घोषणा करने का (declare a pandemic) 40 दिनों तक इंजतार किया और तब जाकर इसे अंतरराष्ट्रीय चिन्ता वाली जन स्वास्थ्य इमरजेंसी (पीएचईआईसी) घोषित किया गया।2. कोविड-19 के मूल को लेकर पारदर्शिता की कमी
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अलोम घेब्रेयसस ने शीघ्रता से और पारदर्शी ढंग से कार्रवाई करने के लिए बार-बार चीन की प्रशंसा (repeatedly praised) जबकि, उसने महामारी की शुरुआत से संबंधित महत्वपूर्ण डाटा vital data को वैज्ञानिकों को देखने-दिखाने (ऐक्सेस देने) से मना कर दिया।3. निम्न और मध्यम आय वाले देशों की मदद के लिए संसाधन जुटाने और समन्वित करने में असमर्थता।
निम्न आय वाले 92 देशों में 20 प्रतिशत (protect 20%) लोगों की रक्षा के लिए कोवैक्स पर्याप्त टीके उपलब्ध कराने की अपेक्षा करता है लेकिन डब्ल्यूएचओ का कहना है कि कोविड-19 को रोकने के लिए कम से कम 70 प्रतिशत (least 70%) लोगों का टीकाकरण जरूरी है।4. टीके मंजूरी में देरी
डब्ल्यूएचओ को मॉडर्ना कोविड-19 वैक्सीन को इमरजेंसी उपयोग के लिए अधिकृत करने में 30 अप्रैल तक चार महीने लगे (authorize the Moderna COVID-19 vaccine) जबकि यह अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिसट्रेशन (एफडीए) से इमरजेंसी उपयोग के लिए पहले ही स्वीकृत था।5. जन स्वास्थ्य संकट को रोकने और उसपर प्रतिक्रिया करने में प्रमाणिक मार्गदर्शन की कमी
केस रिपोर्टिंग, यात्रा प्रतिबंध, बचाव के उपकरण और भिन्न दवाइयों जैसे इबुप्रोफोन (Ibuprofen) या डेक्सामिथेसोन के उपयोग के संबंध में डब्ल्यूएचओ द्वारा लगातार मार्गदर्शन के बिना लगभग सभी देशों ने अपने स्तर पर कार्रवाई की (acted on its own) जिससे भ्रम पैदा हुआ।
6. डब्ल्यूएचओ में जोरदार सुधार लाने के पहले के प्रस्तावों को लागू करने में नाकामी
2013-2016 में इबोला फैलने और हाल की अन्य स्वास्थ्य इमरजेंसी के बाद, ढेरों प्रस्ताव तैयार किए गए जिसके जरिए डब्ल्यूएचओ में सुधार reforms of the WHO की अपील की गई ताकि महामारियों से लड़ने के लिए उसकी तैयारी बेहतर रहे। अच्छे-खासे सुधार बहुत कम किए गए और इस कारण दुनिया कोविड-19 का शिकार हो गई।
मई 2022 में होने वाली 75वीं विश्व स्वास्थ्य असेम्बली (75th World Health Assembly) में सदस्य राज्यों को यह तय करने का मौका मिलेगा कि अगले पांच वर्षों तक डब्ल्यूएचओ का नेतृत्व कौन करेगा। उनकी पसंद पारदर्शी और जानकार होनी चाहिए और इसमें डब्ल्यूएचओ के नेतृत्व का पिछला प्रदर्शन तथा वैश्विक स्वास्थ्य के अपने मिशन के तहत उसने कुछ काम किया है कि नहीं का ख्याल रखा जाना चाहिए। जैसा कि सबूत से लगता है, अगर ऐसे काम नहीं किए हैं तो नागरिकों के प्रति सदस्य राज्यों की यह जिम्मेदारी है कि वे ज्यादा सक्षम नेता की नियुक्ति सुनिश्चित करें क्योंकि दुनिया अभी भी कोविड-19 की मुश्किलों से निपटने की कोशिश कर रही है। सदस्य राज्य संभावित उम्मीदवारों के नाम डब्ल्यूएचओ के एक्जीक्यूटिव बोर्ड को मध्य सितंबर 2021 (mid-September 2021) तक सुझा सकते हैं। |
संपर्क: अमेरिकी मीडिया का संपर्क: गेद केनसेला, सीनियर डायरेक्टर, कम्युनिकेशंस,एएचएफ +1.323.308.1833 कार्य +1.323.791.5526 mobile [email protected] डेनीज नजारोव, वैश्विक नीति और संचार निदेशक, एएचएफ +1 323.308.1829 [email protected] घोषणा (अस्वीकरण): इस घोषणा की मूलस्रोत भाषा का यह आधिकारिक, अधिकृत रूपांतर है। अनुवाद सिर्फ सुविधा के लिए मुहैया कराए जाते हैं और उनका स्रोत भाषा के आलेख से संदर्भ लिया जा सकता है और यह आलेख का एकमात्र रूप है जिसका कानूनी प्रभाव हो सकता है। |
