हालांकि, संचार और कृषि जैसे क्षेत्रों में मानव रहित वायवीय वाहन (अनमैन्ड एरियल व्हीकल- यूएवी) का उपयोग अक्सर किया जाता है, लेकिन उनके उपयोग में उनका छोटा आकार और सीमित बैटरी क्षमता बाधा पहुंचाती है। बहरहाल, नेशनल तसिंग हुआ यूनिवर्सिटी की एक बहु-विषयक टीम ने हाल ही में फ्रूट फ्लाई की दृष्टि संबंधी तंत्रिकाओं के समान काम करने वाली एक कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) चिप विकसित की है, जिसकी बदौलत ड्रोन अल्ट्रा-पॉवर-सेविंग मोड में रहते हुए बाधाओं से खुद ब खुद बच सकता है। इस टीम का नेतृत्व इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर तांग की-टियॉन्ग और जीवन विज्ञान विभाग के लो चुंग-चुआन ने किया। इस प्रेस विज्ञप्ति में मल्टीमीडिया की सुविधा है। पूरी विज्ञप्ति यहां देखें: https://www.businesswire.com/news/home/20200304005029/en/ प्रोफेसर जोड़ी तांग की-टियॉन्ग (दाएं) और लो चुंग-चुआन के नेतृत्व में एनटीएचयू की एक बहु-विषयक टीम ने एक एआई चिप विकसित की है, जो ड्रोन को किसी कीट की तरह उड़ना सिखा सकती है। (फोटो: नेशनल तसिंग हुआ यूनिवर्सिटी) वर्तमान में प्रयुक्त होने वाले अधिकांश यूएवी बाधाओं का पता लगाने और उनसे बचने के लिए विद्युत चुंबकीय तरंगों के संचरण और परावर्तन पर निर्भर हैं, लेकिन इससे बिजली की खपत बहुत अधिक होती है। बाधाओं से बचने के लिए एक वैकल्पिक तरीका छवियों को कैप्चर करने और उनका विश्लेषण करने के लिए ऑप्टिकल लेंस का उपयोग करना है, लेकिन सूचना की मात्रा इतनी बड़ी होती है कि उसे फटाफट संसाधित नहीं किया जा सकता। इसके अलावा, इस तरीके में भी बहुत अधिक बिजली लगती है। फ्रूट फ्लाई (फलों की मक्खी) की बाधाओं से बचने की जबरदस्त क्षमता को लेकर तांग के मन में उत्सुकता जागी और उन्होंने विचार किया कि इस छोटे कीड़े की दृष्टि तंत्रिका की नकल बनाना और उसे एआई अनुप्रयोगों के लिए अनुकूलित करना संभव हो सकता है। इस दिशा में पहला काम सूचना के अत्यधिक भार की समस्या को हल करना था। तांग के अनुसार, फिलहाल कैमरे और मोबाइल फोन में प्रयुक्त होने वाले इमेज सेंसर में लाखों पिक्सेल होते हैं, जबकि किसी फ्रूट फ्लाई की आंख में सिर्फ लगभग 800 पिक्सेल होते हैं। जब फ्रूट फ्लाई का मस्तिष्क ऐसे दृश्यात्मक संकेतों को रूप-रेखा (कान्टुर) और अंतर (कंट्रास्ट) के रूप में संसाधित करता है, तो वह एक प्रकार के डिटेक्शन मैकेनिज्म का उपयोग करता है, जो महत्वहीन सूचना को स्वचालित ढंग से अलग कर देता है, और केवल ऐसी हिलती-डुलती चीजों पर ही ध्यान देता है जिनसे टक्कर हो सकती है। इस डिटेक्शन मैकेनिज्म की नकल करके शोध टीम ने एक एआई चिप विकसित की है, जो ड्रोन को संचालित करने के लिए हाथ के इशारों और एक इमेज सेंसर का उपयोग करना संभव बनाती है। पहले ड्रोन को सिखाया जाता है कि जो सबसे महत्वपूर्ण है उस पर ध्यान केंद्रित करना है, और फिर यह सिखाया जाता है कि दूरी और टकराव की आशंका कैसे आंकी जाए। इस उद्देश्य के लिए, लो ने इस बात की विस्तृत पड़ताल की कि फ्रूट फ्लाई दृश्य (ऑप्टिकल) प्रवाह को कैसे ताड़ लेती है। इसके लिए उन्होंने एनटीएचयू के मस्तिष्क अनुसंधान केंद्र द्वारा तैयार, फ्रूट फ्लाई के तंत्रिका मार्गों के नक्शे का व्यापक उपयोग किया। लो विस्तार से बताते हैं, "दृश्य प्रवाह दृष्टि के क्षेत्र में निकटवर्ती गतिशील वस्तुओं द्वारा छोड़ा गया सापेक्ष प्रक्षेपवक्र (ट्रजेक्टरी) है, जिसका उपयोग मस्तिष्क द्वारा उसकी दूरी निर्धारित करने और बाधाओं से बचने के लिए किया जाता है।" तांग ने कहा कि उनकी शोध टीम द्वारा विकसित एआई चिप इन-मेमोरी कंप्यूटिंग के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण आविष्कार है। कंप्यूटर और मोबाइल फोन सबसे पहले डेटा को मेमोरी से सीपीयू की सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट में ले जाते हैं, और फिर संसाधित हो जाने के बाद डेटा को स्टोरेज के लिए मेमोरी में वापस ले जाया जाता है। एआई डीप-लर्निंग प्रक्रिया में इस तरह की कार्यविधि 90% तक ऊर्जा और समय की खपत करती है। इसके विपरीत, एनटीएचयू टीम द्वारा विकसित एआई चिप न्यूरोनल सिनैप्सेस की नकल करती है। इसकी बदौलत मेमोरी में ही अभिकलन करना संभव हो पाता है, जिससे दक्षता में काफी सुधार होता है। businesswire.com पर सोर्स विवरण देखें: https://www.businesswire.com/news/home/20200304005029/en/ |
संपर्क: होली हसुएह (886)3-5162006 [email protected] घोषणा (अस्वीकरण): इस घोषणा की मूलस्रोत भाषा का यह आधिकारिक, अधिकृत रूपांतर है। अनुवाद सिर्फ सुविधा के लिए मुहैया कराए जाते हैं और उनका स्रोत भाषा के आलेख से संदर्भ लिया जा सकता है और यह आलेख का एकमात्र रूप है जिसका कानूनी प्रभाव हो सकता है। |
