मर्क्योर होटल एमओए बर्लिन ताप उत्पन्न करते समय नकारात्मक CO2 (कार्बन डाइऑक्साइड गैस) संतुलन प्रस्तुत करने वाला विश्वा का प्रथम होटल और कार्यक्रम स्थल बनने जा रहा है। इस उपलब्धि का श्रेय ग्रैफोर्स द्वारा विकसित मीथेन प्लाज्मालिसिस प्रौद्योगिकी को जाता है। इस प्रौद्योगिकी के प्रयोग से एमओए बर्लिन न केवल बगैर उत्सर्जन के ताप उत्पन्न करेगा बल्कि गर्म करने की प्रक्रिया में वायुमंडल से CO2 भी खींचेगा। इस प्रकार “एमओए-एच2ईट” ("MOA-H2eat") समाधान को अभी-अभी जर्मन गैस उद्योग नवाचार पुरस्कार दिया गया है. निर्णायक मंडल ने पुरस्कार का फैसला सुनाते हुए इसे “हीटिंग मार्केट का स्वरुप बदलने वाला दृष्टिकोण और विकेन्द्रित अकार्बनीकरण में सहायक” की संज्ञा दी है। ग्रैफोर्स का “एमओए-एच2ईट” समाधान हीटिंग मार्केट की कायापलट करेगा (चित्र : बिजनेस वायर) एमओए बर्लिन में कुछ गर्म करने के लिए अब प्राकृतिक गैस का नहीं, बल्कि बायोगैस से प्राप्त हाइड्रोजन का प्रयोग किया जाता है। मीथेन प्लाज्मालिसिस प्रौद्योगिकी बायोगैस को हाइड्रोजन और ठोस कार्बन में खंडित कर देती है। नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से विद्युत का प्रयोग करने के कारण मीथेन प्लाज्मालिसिस उतना ही पर्यावरण हितैषी है जितना कि इलेक्ट्रोलिसिस, और इसके साथ ही इसकी लागत भी काफी कम होती है। शून्य-उत्सर्जन तापन प्रक्रिया के लिए एमओए बर्लिन में पर्यावरण हितैषी हाइड्रोजन और बायोगैस के मिश्रण से प्रज्ज्वलित संशोधित गैस संघनक बायलरों का प्रयोग किया जाता है। मिश्रण का अनुपात मीथेन प्लाज्मालाइजर द्वारा नियंत्रित होता है। ताप 30 परिमाण % हाइड्रोजन और 70 परिमाण % बायोगैस से आरम्भ किया जाता है। आने वाले महीनों में हाइड्रोजन का अनुपात क्रमशः बढ़ाया जाएगा। ठोस कार्बन को कारखानों और सिरेमिक्स के लिए औद्योगिक कच्चे माल के रूप में, या जैसा एमओए बर्लिन में होता है, डामर उत्पादित करने के लिए इस्तेमाल किया सकता है। इस प्रकार CO2 स्थायी रूप से बद्ध हो जाता है. इस तरह ग्रैफोर्स पूरे विश्व में कार्बन डाइऑक्साइड में कमी के लिए प्रथम बाज़ार-तत्पर प्रौद्योगिकी एवं विवादास्पद सीसीस भण्डारण का हरित विकल्प प्रस्तुत किया है। एमओए बर्लिन में गर्म करने के लिए पहले जो गैस हीटरों का प्रयोग होता था, उससे हर साल 800 टन तक कार्बन डाइऑक्साइड निकलती थी। वायुमंडल से इतनी मात्रा अवशोषित करने के लिए 65,000 से अधिक वृक्षों की आवश्यकता है। ग्रैफोर्ड के संस्थापक और सीटीओ, डॉ. जेन्स हैनके ने बताया कि, “वैश्विक उष्मा को रोकने के उद्देश्य से ताप का उत्सर्जन और गर्म पानी को वर्ष 2050 तक पूरी तरह कार्बन डाइऑक्साइड मुक्त करना होगा। यह लक्ष्य पाने के दो रास्ते हैं : या तो हम केवल नवीकरणीय विद्युत् से गर्म करें या हाइड्रोजन जैसे कार्बन-रहित विकल्प के साथ प्राकृतिक गैस की आपूर्ति का अकार्बनीकरण करें।” ग्रैफोर्स के विषय में जर्मनी की कंपनी ग्रैफोर्स ने अपशिष्ट पदार्थों से हरित हाइड्रोजन और अन्य बहुमूल्य औद्योगिक गैसों के कम खर्चीले उत्पादन के लिए नया प्लाज्मा ऐप्लिकेशंस तैयार किया है। www.graforce.com/EN फ़ोटो / मल्टीमीडिया गैलरी उपलब्ध है: https://www.businesswire.com/news/home/52324006/en |
संपर्क : ग्रैफोर्स जीएमबीएच डॉ. जेन्स हैनके फ़ोन : +49 30 - 63 2222-110 [email protected] घोषणा (अस्वीकरण): इस घोषणा की मूलस्रोत भाषा का यह आधिकारिक, अधिकृत रूपांतर है। अनुवाद सिर्फ सुविधा के लिए मुहैया कराए जाते हैं और उनका स्रोत भाषा के आलेख से संदर्भ लिया जा सकता है और यह आलेख का एकमात्र रूप है जिसका कानूनी प्रभाव हो सकता है। |
